प्रयोग यदि सही तरीके से हो ,परिणाम खुद ब खुद रंग दिखाने लगते हैं । कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला । पास के एक गांव में । एक नुक्क्ड़ नाटक के माध्यम से पर्यावरणीय जागरूकता को लेकर मंचन हो रहा था ।उसका मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में कम से कम पांच सौ करोड़ पौधों के वृक्षारोपण को ले कर था । गांव में मन्दिर के पास अपने उद्देश्यों को ले कर जन जागरूकता के प्रति किया गया प्रयास कहीं से कमतर प्रतीत नहीं हो रहा था ।
लोगों में इसकी सार्थकता का अन्दाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर वर्ग के लोग,बूढ़े,वयस्क,महिलाएं,बच्चे सभी अधिक संख्या में उपस्थित थे । अभिनेता अपने अभिनय से सबको लुभाये जा रहा था । हंसलोल बातों के बीच-बीच में काम की बातें इस प्रकार कह जाता था कि सभी उसकी बात से प्रभावित हो जाते थे । वृक्ष लगाने को ले कर सभी कृतसंकल्पित हो रहे थे ।
सचमुच ! यदि हमारी सरकार जितना पैसा वृक्षारोपण को ले कर खर्च कर रही है उसका सौ फीसदी सही तरीके से उपयोग में लाया जाय तो जनता उत्कृष्ठ काम देखकर बिना समझाये समझ जायेगी कि उसे अपने पर्यावरण के कितना जागरूक होना है । स्वाभाविक है अपेक्षित परिणाम सामने आने लगंगे । जब तक खुद में पारदर्शिता का आभाव रहेगा किसी और से कितना आगे आने के लिए प्रेरित कर सकेंगे ।
अरे...! ये पब्लिक है । सब जानती है ।
बिलकुल ! ये पब्लिक है सब जानती है । पर फोटो कहाँ है ? ये कैसी कंजूसी ?
ReplyDeleteबढिया है .........
ReplyDeleteहां ये तो है कि अगर हमारी सरकार चाहे तो काया पलट हो सकता है पर चाहेगी क्यों ?
ReplyDeleteसही है !!
ReplyDeleteबिल्कुल सही.. ये पब्लिक है । सब जानती है ।.. हैपी ब्लॉगिंग
ReplyDeleteयह पुब्लिक अगर सब जानती है तो इन्हे ही बार बार क्यो सर पर बिठाती है?
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