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Tuesday, September 8, 2009

मानवाधिकारों के प्रकार

मानवाधिकारों के प्रकार --
                            ये अदेय व अविभाज्य हैं।संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मानवाधिकारों के क्षेत्र में किए गये प्रयासों के आधार पर इसे चार प्रकारों में बांट सकते हैं--

नागरिक मानवाधिकार(Civil Human Rights)--
                              इस प्रकार के अधिकारों मे प्राण,स्वतन्त्रता एवं व्यक्तियों की सुरक्षा,एकान्तता का अधिकार, गृह व पत्राचार ,संपत्ति रखने का अधिकार,उत्पीड़न से स्वतन्त्रता,मानवीय एवं अपमानजनक व्यवहार से स्वतन्त्रता का अधिकार,विचार,अन्तरात्मा एवं धर्म तथा आवागमन की स्वतन्त्रता आदि शामिल है।
राजनीतिक मानवाधिकार--(Political Human Rights)--
                                             राष्ट्रीयता ,विचार व अभिव्यक्ति ,सरकार में शामिल होना,शान्तिपूर्वक सभा एवं संघ गठित करने का अधिकार शामिल है ,साथ ही मत देने का अधिकार,निर्वाचन में निर्वाचित होने का अधिकार, लोक कार्यों मे चयनित प्रतिनिधियों के माध्यम से भाग लेने का अधिकार आदि  को राजनीतिक मानवाधिकारों के अन्तर्गत रखा गया है ।
सामाजिक व आर्थिक मानवाधिकार--(Social and Economic Human Rights)--
                                                               इन अधिकारों के बिना मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है । इसमें सामाजिक सुरक्षा कार्य करने , आराम करने व अवकाश प्राप्त करने ,कुशल जीवन जीने के लिये आवश्यक जीवनस्तर बनाये रखने के लिये पर्याप्त भोजन वस्त्र ,आवास, काम के अधिकार, सामाजिक सुरक्षा,मानसिक स्वास्थ्य व शिक्षा का अधिकार शामिल है ।
सांस्कृतिक मानवाधिकार--(Cultural Human Rights)--
                                                विभिन्न स्थान पर निवास करने वालों की अपनी-अपनी संस्कृतियां होती हैं । 
जिन्हें संरक्षित करने का अधिकार मानव जाति को है । १९६८ में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सम्मेलन में कहा गया--
                                 चूंकि मानवाधिकार एवं मूलभूत स्वतंत्रताएं अविभाज्य हैं इसलिये आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों  के उपयोग के बिना सिविल व राजनैतिक आधिकारों की पूर्ण प्राप्ति असंगत है ।
                                  महासभा ने १९७७ में यह भी कहा था कि सभी प्रकार के मानवाधिकार एवं मूलभूत स्वतंत्रताएं अविभाज्य और अन्योन्याश्रित होते हैं । १९९३ के वियना सम्मेलन में भी इस बात पर जोर दिया गया---
          सभी मानव अधिकार सार्वभौमिक , अविभाज्य ,अन्योन्याश्रित व अन्तर्संबंधित है । अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक रूप के समान आधार एवं समान बल पर समान तरीके से समझना चाहिए |


                                                                                                                    (क्रमशः.... )

7 comments:

  1. रोचक जानकारी.. अगली कड़ी का इंतज़ार है.. हैपी ब्लॉगिंग

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  2. आप बहुत साहसी हैं। मानवाधिकार की बात कर रहे हैं। कुछ लोगों को तो विलेन लग रहे होंगे।

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  3. सारगर्भित लेख...
    अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...

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  4. क्रमशः मानवाधिकार के अनेकों आयाम आने शेष हैं । अगलॊ कड़ियों का इंतजार ।

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  5. बहुत जरूरी जानकारी है

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  6. इस जानकारी के लिए धन्यवाद

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  7. aapka bahut bahut dhanayavaad itni acchi jaankaari ke liye

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