tag:blogger.com,1999:blog-952139972888794880.post4081735457669799353..comments2022-11-22T17:46:10.681+05:30Comments on अक्षरशः: विश्व पर्यावरण संकट......हेमन्त कुमारhttp://www.blogger.com/profile/01073521507300690135noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-952139972888794880.post-53502160762472624362009-10-06T21:33:13.657+05:302009-10-06T21:33:13.657+05:30नेताओ को इसकी चिंता नही है अब जनता को ही चिंता करन...नेताओ को इसकी चिंता नही है अब जनता को ही चिंता करनी होगीशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-952139972888794880.post-32655915961180067792009-10-03T19:17:29.794+05:302009-10-03T19:17:29.794+05:30पर्यावरण का ध्यान तो हम सबको रखना चाहिए।पर्यावरण का ध्यान तो हम सबको रखना चाहिए।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-952139972888794880.post-53906584082939849692009-10-03T10:50:51.102+05:302009-10-03T10:50:51.102+05:30क्या करेगे सरकार और सरकारे लोग तो जेब भरने मेंलगे ...क्या करेगे सरकार और सरकारे लोग तो जेब भरने मेंलगे है तो इसका ध्यान कौन देगा ?Mishra Pankajhttps://www.blogger.com/profile/02489400087086893339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-952139972888794880.post-65485677617569427082009-10-03T08:37:24.825+05:302009-10-03T08:37:24.825+05:30एक वाक्य़ में कहें तो मनुष्य की आवश्यकताओं की सीमा...एक वाक्य़ में कहें तो मनुष्य की आवश्यकताओं की सीमा है लेकिन लालच की नहीं। समूची समस्या लिप्सा की ही देन है। <br />अच्छा संकेत है कि लोग अब सोचने लगे हैं।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.com